भगन्दर क्या है ? जाने इसके लक्षण और सहि इलाज
भगन्दर क्या है. भगन्दर, एक चिरकालिक रोग है, जिसमें गुदा मार्ग के अंदर से गुदा की वाह्य त्वचा के बीच सुरंग जैसा नाली बन जाता है। सामान्यत: यह बीमारी गुदामार्ग के आसपास फोड़ो फटने या ऑपरेशन के बाद होती है। जिसमें मवाद आता रहता है। सभी फोड़े तो भगन्दर नहीं बन पाते हैं पर यह बात सही है कि कई फोड़े भगंदर का रूप ले लेते हैं। भगंदर के कारण एनस यानी गुदा के अंदर कई सारी ग्रंथि होते हैं, जब यह ग्रथिंया अनुचित खानपान, असमय मलत्याग, या विरूद्द आहार विहार आदि कारणों से संक्रमित होने से व सही समय उपचार न मिल पाने से भगंदर का रूप धारण कर लेती हैं। और यह धीरे-धीरे अपना रास्ता बनाते हुए आपकी एनस के आसपास त्वचा के बाहर तक छेद कर देती है, इसी सुरंगनुमा जगह को एनल फिस्ट्यूला कहते हैं, जो कि आपके ग्लैंड और त्वचा के बाहरी छेद को जोड़ती है। अधिकतर समय, मवाद की वजह से भगंदर होता है, लेकिन यह टीबी, सेक्शुअली ट्रांसमिटिड डिजीज और बोवल को प्रभावित करने वाली अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकता है। भगंदर के लक्षण .अगर एनस के रास्ते में बार बार फोड़ा होता है तो यह भगंदर की वजह हो सकता है। .एनस क्षेत्र में दर्द और सूजन की स्थिति होना। एनस के रास्ते में पस या खून निकलने पर भी भगंदर होने की आशंका होती है। .एनस के आसपास एक गहरा या हल्का छेद और उससे बदबूदार पस का स्राव होना। .एनस क्षेत्र में भारी जलन होने भगंदर की ओर इशारा करता है। पस के बार बार बाहर निकलने की वजह से यह जलन होती है। .पेट में कब्ज बना रहना और मलत्याग करते वक्त एनस क्षेत्र में जलन होना। भगंदर के प्रकार – भगंदर दो प्रकार के होते हैं। 1.सामान्य या जटिल फिस्टुला – अगर एक भगंदर है तो उसे सामान्य कहा जाता है और एक से अधिक भगंदर होने जटिल भगंदर कहते हैं। 2.लो या हाई फिस्टुला – भगंदर होने की जगह के आधार पर इसे लो या हाई का भी नाम दिया गया है। अगर भगंदर स्फिंकटर मसल्स (दो ऐसी मांसपेशीयां जो एनस के रास्ते को खोलने या बंद करने का काम करती है) के एक तिहाई हिस्से पर है तो उसे लो फिस्टुला कहा जाता है। लेकिन अगर भगंदर स्फिंकटर मसल्स को पूरी तरह से कवर कर चुका है तो उसे हाई फिस्टुला कहा जाता है। ऐलोपैथ उपचार से फिर उभर जाता है भगन्दर ऐलोपैथ में भगन्दर रोग का कोई सफल उपचार नहीं है, कारण यह कि या तो एलोपैथ के चिकित्सक दवाओं के नाम पर दर्द की गोलियां खिलाते हैं या फिर या फिर ऑपरेशन करते हैं दवायें दवायें खाने से सिर्फ कुछ दिन दर्द कम रहता है। साथ ही ऑपरेशन के बाद फिर से भगन्दर उभर जाता है। कई रोगी तो दस से अधिक बार ऑपरेशन कराते हैं फिर भी भगन्दर से निदान नहीं मिल पाता। सही समाधान है आयुर्वेद में भगन्दर रोग का सही समाधान आयुर्वेद में है। क्योंकि आयुर्वेद भगंदर के इलाज के साथ ही भगन्दर के होने के कारण व शरीर में उससे होने वाले असर को भी कम करता है। आयुर्वेद में इलाज के साथ ही जीवनशैली को स्वस्थ करने पर जोर दिया जाता है। बी.के क्षारसूत्र एंड एनोरेक्टल केयर बवासीर भगन्दर व अन्य सभी गुदमार्गगत रोगों के लिए बी.के क्षारसूत्र एंड एनोरेक्टल केयर सबसे सफल उपचार प्रदान सरता है। यहां क्षारसूत्र चिकित्सा पद्दति से गुदमार्गगत रोगों का सफलतापूर्वक समाधान किया जाता है। यहां के अनुभवी चिकित्सकों अत्याधुनिक तकनीकियों व विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ गंभीर से गंभीर गुद संबन्धित रोगियों को स्वस्थ किया जा रहा है। अगर आप या आप से जुड़ा कोई भी सदस्य बवासीर भगंदर, मलत्याग के समय खून आने, मल के रास्ते फोड़े, मस्से के दर्द खुजली व जलन, समेत गुदमार्ग की किसी भी समस्या से परेशान हैं तो बिना देर किए बी.के क्षारसूत्र एंड एनोरेक्टल केयर में इलाज कराकर इस बीमारी को जड़ से दूर करें। बीके क्षारसूत्र एंड एनोरेक्टल केयर विश्वप्रसिद्द आयुर्वेद संस्सान बीके आरोग्यम एंड रिसर्च सेंटर का विंग है जहां सफलतापूर्वक इन रोगों का उपचार किया जाता है।
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